Krishi Samachar: देशभर में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। इस हफ्ते कई हिमालयी राज्यों में बारिश और बर्फबारी हुई, जबकि कई मैदानी इलाकों में भी हल्की से भारी बारिश, गरज-चमक और ओलावृष्टि देखी गई। इस कारण कुछ जगहों पर फसलों को नुकसान पहुंचने की खबरें आ रही हैं। हरियाणा भी इस बदले हुए मौसम से अछूता नहीं रहा। गुरुवार रात राज्य में भारी बारिश हुई, जिससे खासतौर पर जींद जिले में फसलों को भारी नुकसान हुआ। इस दौरान कई जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई, जिससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई।
30 से ज्यादा गांवों में फसलों को नुकसान
मौसम विभाग के अनुसार जींद जिले में 20 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से चली हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं और सरसों की फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। खास तौर पर नरवाना, उचाना, जींद और पिल्लूखेड़ा क्षेत्र में फसलें नष्ट हो गई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ढाटासिंहवाला, उजाना और बेलराखां आदि गांवों में 10-15 मिनट तक लगातार ओलावृष्टि हुई, जिससे खेतों में खड़ी गेहूं और सरसों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल झुक गई है और सरसों के पौधे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका है।
सरसों और गेहूं की फसल पर असर
हरियाणा में इस समय गेहूं और सरसों की फसल पकने की कगार पर है। ऐसे में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से न सिर्फ पैदावार कम होगी, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है। बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे गेहूं की फसल सड़ने का खतरा बढ़ गया है। वहीं सरसों के फूल झड़ने से पैदावार में कमी आने की आशंका है। किसानों का कहना है कि अगर मौसम में जल्द सुधार नहीं हुआ तो नुकसान और भी बढ़ सकता है।
कृषि विभाग ने किसानों से की अपील
जींद के कृषि उपनिदेशक डॉ. गिरीश नागपाल ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों को हुए नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर दें। उन्होंने कहा कि समय पर सूचना देने से नुकसान का सही आकलन हो सकेगा और किसानों को फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा मिल सकेगा। रिपोर्ट के अनुसार जींद जिले में करीब 2.15 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती है। इस मौसम के कारण उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है। प्रभावित किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द आर्थिक सहायता की मांग की है, ताकि वे अपने नुकसान की भरपाई कर सकें।
किसानों की मांग – मुआवजा और राहत पैकेज
ओलावृष्टि और बारिश से प्रभावित किसानों ने सरकार से राहत पैकेज की मांग की है। उनका कहना है कि अगर सरकार ने समय रहते आर्थिक सहायता नहीं की तो वे भारी कर्ज में डूब सकते हैं। किसानों का यह भी कहना है कि प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए सरकार को पहले से ही ऐसी योजनाएं बनानी चाहिए, जिससे किसानों को कम से कम नुकसान हो।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है, जिसका खेती पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में किसानों को आधुनिक खेती तकनीक अपनाने और बीमा योजनाओं का लाभ उठाने की जरूरत है।
हरियाणा के जींद जिले में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। गेहूं और सरसों की फसलें प्रभावित हुई हैं, जिससे उत्पादन में कमी आने की आशंका है। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे समय रहते फसल नुकसान की रिपोर्ट दर्ज कराएं, ताकि उन्हें बीमा योजना का लाभ मिल सके। अब देखना यह है कि सरकार किसानों की मदद के लिए क्या कदम उठाती है और उन्हें उचित मुआवजा मिलता है या नहीं।