Maha Kumbh Stampede: उत्तर प्रदेश स्थित प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ ने न केवल तीर्थयात्रियों की जानें लीं, बल्कि इस घटना ने प्रदेश की योगी सरकार की सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। विपक्षी दलों ने इस घटना के बाद सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है, जिसमें नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता चंद्रशेखर आजाद ने सरकार से इस्तीफा मांगा है।
सांसद चंद्रशेखर का बयान:
चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए योगी सरकार की निंदा करते हुए लिखा कि उन्होंने यह उम्मीद की थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो लंबे समय से धार्मिक कार्यों में संलिप्त रहे हैं, वे महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन को सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न करवा पाएंगे। लेकिन इस बार भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
सांसद का आरोप:
चंद्रशेखर आजाद ने आरोप लगाया कि योगी सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप यह भयावह त्रासदी हुई। उन्होंने इस घटना को सरकार की लापरवाही, अक्षम प्रशासन और कुप्रबंधन का स्पष्ट उदाहरण बताया। सांसद ने यह भी कहा कि सरकार का ध्यान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और उनकी सुविधा पर नहीं, बल्कि प्रचार और दिखावे पर था, जिसका खामियाजा निर्दोष लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।
घटनास्थल की स्थिति:
सांसद ने प्रयागराज महाकुंभ मेले में मची भगदड़ को एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सरकारी विफलता का एक घिनौना उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि इतने बड़े धार्मिक आयोजन में इस स्तर की अव्यवस्था और अराजकता से यह साबित होता है कि सरकार की प्राथमिकता केवल इवेंट मैनेजमेंट और फोटोशूट तक सीमित रह गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पतालों की स्थिति भी कम शर्मनाक नहीं है। संसाधनों की भारी कमी और घायलों को समय पर चिकित्सा सेवा न मिल पाना इस बात का प्रमाण है कि सरकार की प्राथमिकता कभी भी लोगों की भलाई नहीं रही।
सांसद की मांगें:
चंद्रशेखर आजाद ने इस त्रासदी के बाद योगी सरकार से चार प्रमुख मांगें की हैं:
- घायलों के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा उपलब्ध करवाई जाए और सभी का निशुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाए।
- मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।
- घटना के ज़िम्मेदार अधिकारियों और प्रशासनिक तंत्र पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
- भविष्य में ऐसे आयोजनों में आपदा प्रबंधन और सुरक्षा के कड़े उपाय सुनिश्चित किए जाएं।
इस्तीफे की मांग:
चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना को लेकर योगी सरकार से इस्तीफे की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इस त्रासदी ने योगी सरकार के खोखले दावों की पोल खोल दी है। धार्मिक आयोजनों को राजनीतिक मंच बनाना और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करना एक अक्षम्य अपराध है। अगर सरकार अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में असमर्थ है, तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
घटना का विवरण:
प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में 17 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब बड़ी संख्या में तीर्थयात्री स्नान करने के लिए कुंभ मेला क्षेत्र में पहुंचे थे। भगदड़ मचने के कारण कई लोग जख्मी हो गए, जिन्हें अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया। घायलों को उचित इलाज नहीं मिल पाने की स्थिति भी सामने आई है, जिससे सरकार की तैयारियों और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए गए हैं।
घायलों और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं:
चंद्रशेखर आजाद ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल दर्दनाक है, बल्कि बहुत ही क्रोधित करने वाली है। शोकाकुल परिवारों को इस कठिन समय में शक्ति प्राप्त हो, इसके लिए वे प्रार्थना करते हैं।
प्रयागराज महाकुंभ की भगदड़ एक ऐसी घटना बन गई है, जिसने केवल योगी सरकार की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक क्षमता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि इसने सरकार के उन दावों की भी पोल खोली है, जो उन्होंने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर किए थे। सांसद चंद्रशेखर आजाद की मांग है कि योगी सरकार इस त्रासदी की जिम्मेदारी ले और तत्काल प्रभाव से इस पर कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।