Pune News: महाराष्ट्र के पुणे से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। देहू रोड क्षेत्र में एक जन्मदिन समारोह के दौरान हुए विवाद के बाद अंधाधुंध फायरिंग हो गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
सड़क किनारे जन्मदिन मनाने को लेकर हुआ विवाद
यह घटना पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ इलाके के देहू रोड पर गुरुवार देर रात घटी। पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता नंदकिशोर यादव की भतीजी का जन्मदिन समारोह एक सार्वजनिक स्थल पर आयोजित किया गया था। तभी दो मोटरसाइकिलों पर सवार तीन से चार लोग वहां पहुंचे और उन्होंने जन्मदिन सड़क पर मनाने का कारण पूछना शुरू कर दिया।
विवाद बढ़ा, फिर चले लाठी-डंडे
देहू मार्ग पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि जब नंदकिशोर यादव ने उन लोगों को वहां से जाने के लिए कहा, तो उनमें से एक ने यादव के चेहरे पर कुर्सी से हमला कर दिया। इसके बाद मामला और गंभीर हो गया और हाथापाई शुरू हो गई।
दोस्त ने की बीच-बचाव की कोशिश, चली गोली
विवाद बढ़ते देख नंदकिशोर यादव के दोस्त विक्रम गुरु स्वामी रेड्डी बीच-बचाव करने आए। तभी आरोपियों में से एक ने अपनी बंदूक निकालकर फायरिंग कर दी। इस गोलीबारी में रेड्डी गंभीर रूप से घायल हो गए और वहां हड़कंप मच गया।
अस्पताल पहुंचने से पहले हुई मौत
गोली लगते ही आसपास के लोग दहशत में आ गए। घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने विक्रम गुरु स्वामी रेड्डी को मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत की खबर सुनकर परिवार और दोस्तों में मातम छा गया।
पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने बताया, “हमने आरोपियों की पहचान कर ली है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”
व्यक्तिगत दुश्मनी या अचानक हुआ विवाद?
पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है कि यह घटना व्यक्तिगत रंजिश का नतीजा थी या फिर अचानक हुए विवाद के कारण गोली चलाई गई। आरोपियों की पृष्ठभूमि और उनके आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है।
इस तरह की घटनाओं पर रोकथाम जरूरी
सार्वजनिक स्थानों पर विवादों के कारण बढ़ती हिंसा समाज के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही है। पुलिस प्रशासन को इस तरह की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए ताकि कोई और निर्दोष व्यक्ति इस तरह की घटनाओं का शिकार न हो।
पुणे की यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि छोटे-मोटे विवाद कितनी बड़ी हिंसा का रूप ले सकते हैं। यह जरूरी है कि समाज में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए। वहीं, आम नागरिकों को भी ऐसे मामलों में संयम और समझदारी दिखानी चाहिए ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।