Zepto: पिछले कुछ दिनों से डिवाइस के आधार पर कंपनियों की ओर से एक ही सामान या सेवा के लिए अलग-अलग दाम लेने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इस प्रकार के भेदभाव से उपभोक्ताओं में असंतोष पैदा हो गया है। ओला-उबर जैसी प्रमुख कंपनियों को भी सरकार की ओर से नोटिस जारी किए गए थे, जिनमें यह आरोप था कि वे एंड्रॉयड और आईफोन यूजर्स से एक ही दूरी के लिए अलग-अलग किराया ले रही हैं। अब ऐसा ही एक मामला क्विक-कॉमर्स (तत्काल व्यापार) प्लेटफॉर्म Zepto से भी सामने आया है, जहां आईफोन यूजर्स से सब्जियों और फलों के लिए एंड्रॉयड यूजर्स से अधिक पैसे वसूलने का आरोप है।
Zepto की आईफोन ऐप पर महंगे दाम, एंड्रॉयड ऐप पर सस्ते दाम
Zepto पर आईफोन और एंड्रॉयड यूजर्स के बीच भेदभाव के आरोप लग रहे हैं। एक ही सामान की कीमत दोनों डिवाइसों पर अलग-अलग दिखाई जा रही है, जिसके कारण कई उपभोक्ताओं में नाराजगी बढ़ गई है। उदाहरण के लिए, आईफोन ऐप पर प्याज की कीमत 57 रुपये दिखाई दे रही है, जबकि एंड्रॉयड ऐप पर वही प्याज 43 रुपये में मिल रही है। शिमला ऐपल का मामला भी इसी तरह का है। Zepto की आईफोन ऐप पर शिमला ऐपल की कीमत 123 रुपये है, जबकि एंड्रॉयड ऐप पर वही ऐपल 100 रुपये में बिक रहा है। इस प्रकार के भेदभाव के कारण कई यूजर्स ने शिकायत की है और आरोप लगाया है कि Zepto जानबूझकर कीमतों में भेदभाव कर रहा है।
विनिता सिंह ने उठाया सवाल, यूजर्स ने किया विरोध
हॉर्स पावर की सीईओ विनिता सिंह ने भी इस मामले को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने Zepto की आईफोन ऐप और एंड्रॉयड ऐप पर एक ही समय पर लिए गए स्क्रीनशॉट्स शेयर किए, जिसमें 500 ग्राम शिमला मिर्च की कीमत 107 रुपये आईफोन ऐप पर दिखाई दे रही थी, जबकि एंड्रॉयड ऐप पर वही शिमला मिर्च 21 रुपये में मिल रही थी। विनिता सिंह ने Zepto से सवाल पूछा कि एक ही समय पर लिया गया स्क्रीनशॉट होने के बावजूद दामों में इतना बड़ा अंतर क्यों है? उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि ऐसी असमानता उपभोक्ताओं के लिए ठीक नहीं है।
विनिता सिंह के सवाल के बाद कई अन्य यूजर्स ने भी अपनी शिकायतें Zepto के खिलाफ उठाईं और बताया कि उन्हें भी समान दामों में भेदभाव का सामना करना पड़ा। यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया और कई उपभोक्ताओं ने इस बारे में अपनी राय रखी।
Apple के ऐप स्टोर की फीस पर शक, क्या यह कारण है?
कुछ यूजर्स ने यह भी कहा है कि Zepto की ओर से की जा रही इस प्रैक्टिस का कारण Apple के ऐप स्टोर पर ली जाने वाली अधिक फीस हो सकती है। इन यूजर्स का कहना है कि Apple अपने ऐप स्टोर पर ऐप डेवलपर्स से ज्यादा फीस लेता है, जिसके कारण ऐप डेवलपर्स को अपनी कीमतों में फर्क डालने की मजबूरी हो सकती है। हालांकि, अभी तक Zepto की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कई उपयोगकर्ताओं का यह भी मानना है कि Apple के ऐप स्टोर पर उच्च फीस के कारण ऐप डेवलपर्स को अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए यह कदम उठाना पड़ता है, जिससे Android और iPhone यूजर्स के बीच मूल्य में अंतर उत्पन्न होता है।
Zepto पर भेदभाव के आरोप, कंपनी की चुप्पी
Zepto को लेकर इस प्रकार के भेदभाव के आरोप लगे हैं, लेकिन कंपनी ने अभी तक इस मामले पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। हालांकि, सोशल मीडिया और उपभोक्ताओं द्वारा की जा रही शिकायतों के बाद यह मामला और भी गंभीर हो गया है। कई यूजर्स का कहना है कि एक ही उत्पाद के लिए अलग-अलग कीमतें वसूलना सीधे-सीधे उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी है और यह असमान व्यापार प्रथा के अंतर्गत आता है।
हालांकि, यह केवल Zepto का मामला नहीं है, बल्कि इस प्रकार के भेदभाव को लेकर अन्य कंपनियों पर भी आरोप लग चुके हैं। ओला-उबर जैसी कंपनियों को भी इसी प्रकार के आरोपों का सामना करना पड़ा है, जहां एंड्रॉयड और iPhone यूजर्स से अलग-अलग किराया वसूला जा रहा था। सरकार की ओर से ऐसे मामलों की जांच की जा रही है और नोटिस जारी किए गए हैं।
क्या Zepto पर होगा कोई कार्रवाई?
अब यह देखना होगा कि Zepto इस मुद्दे पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया देता है। क्या कंपनी अपने दामों में समानता लाएगी या फिर यह मामला आगे बढ़ेगा। यदि कंपनी ने अपनी नीति में बदलाव नहीं किया तो उपभोक्ताओं का विरोध बढ़ सकता है और यह कंपनी के लिए समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
इसके अलावा, यदि सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप किया तो Zepto को इसकी दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
Zepto पर डिवाइस के आधार पर भेदभाव करने के आरोप ने एक नई बहस को जन्म दिया है। उपभोक्ता अब यह सवाल उठा रहे हैं कि कंपनियां किस आधार पर अपनी कीमतें तय करती हैं और क्या यह उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी नहीं है। ऐसे मामलों में जहां कंपनियां अलग-अलग डिवाइसों पर अलग-अलग दाम वसूलती हैं, यह निश्चित रूप से उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन है। अब यह देखना होगा कि Zepto इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या यह अपने मूल्य निर्धारण में सुधार करता है।