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AI Model- Vaishnav: भारत अपने जनरेटिव एआई मॉडल का निर्माण करेगा, इस साल लॉन्च होगा: अश्विनी वैष्णव का ऐलान

by pranav tiwari
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AI Model- Vaishnav: भारत अपने जनरेटिव एआई मॉडल का निर्माण करेगा, इस साल लॉन्च होगा: अश्विनी वैष्णव का ऐलान

AI Model- Vaishnav: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में हो रही बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच भारत भी अब अपनी जगह बनाने के लिए तैयार है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह ऐलान किया है कि भारत भी OpenAI के ChatGPT और चीन के DeepSeek के समान अपना जनरेटिव एआई मॉडल लॉन्च करेगा। उड़ीसा में एक कार्यक्रम के दौरान वैष्णव ने कहा कि यह मॉडल इस साल लॉन्च किया जाएगा। यह घोषणा भारत के एआई क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है, और इसके पीछे कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया गया है, जिनकी जानकारी उन्होंने दी है।

भारत के एआई मॉडल की विशेषताएँ

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत में कम से कम छह बड़े डेवलपर्स हैं, जो 6 से 8 महीने के अंदर एक एआई मॉडल तैयार करने में सक्षम हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि एक मजबूत एआई पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि एक सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा का निर्माण किया जाए। इसके अलावा, भारत के एआई मिशन को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने साझा कंप्यूटिंग संसाधनों की स्थापना को प्राथमिकता दी है।

मंत्री ने कहा कि “इंडिया एआई कंप्यूट फैसिलिटी” अपेक्षाओं से बेहतर तरीके से शुरू हो चुकी है और अब तक लगभग 19,000 GPUs प्राप्त किए गए हैं। इनमें से 12,896 Nvidia H100 GPUs और 1,480 Nvidia H200 GPUs शामिल हैं। इनमें से 10,000 GPUs का उपयोग अब शुरू किया जा सकता है। यह सुविधा सभी के लिए खुलेगी और आने वाले दिनों में काम करना शुरू कर देगी।

भारत का फाउंडेशन एआई मॉडल तैयार होगा

अश्विनी वैष्णव ने यह भी घोषणा की कि भारत अपना “फाउंडेशन एआई मॉडल” तैयार करेगा। इसके लिए डाटा सेट भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा, ताकि इसमें किसी प्रकार का पक्षपाती व्यवहार न हो। उन्होंने कहा कि जो डेवलपर्स एआई मॉडल तैयार करने में रुचि रखते हैं, वे अपने प्रस्ताव दाखिल कर सकते हैं, और यह मॉडल 6 से 8 महीने में तैयार किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री की घोषणाओं का महत्व

भारत का एआई क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, और केंद्र सरकार इस क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। “इंडिया एआई कंप्यूट फैसिलिटी” का उद्देश्य न केवल भारत में एआई मॉडल की क्षमता को बढ़ाना है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का भी है।

भारत में विभिन्न कंपनियों और शोध संस्थानों के साथ साझेदारी करके एआई के विकास में और भी तेजी लाई जा सकती है। इसके साथ ही, भारत के सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के कारण, यह मॉडल भारत के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि एआई निर्णयों में कोई भेदभाव न हो।

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चीन और अमेरिका के मुकाबले भारत का एआई प्रयास

एआई मॉडल की दौड़ में OpenAI द्वारा ChatGPT के लॉन्च के बाद से ही प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है। इसके बाद, कई अन्य कंपनियों ने भी इस क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश की है। हाल ही में, चीन के स्टार्टअप्स ने एआई मॉडल में एक नया दृष्टिकोण पेश किया है, जो अमेरिकी कंपनियों की तुलना में बहुत सस्ते हैं।

चीन के एआई मॉडल ने वैश्विक स्तर पर एक नया पैटर्न सेट किया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि एआई क्षेत्र में अब अमेरिका के बाद चीन का भी दबदबा बढ़ रहा है। ऐसे में भारत के पास एआई के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करने का एक शानदार अवसर है।

भारत के लिए एआई का महत्व

भारत में एआई तकनीक का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जा सकता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, परिवहन, और सरकारी सेवाओं में एआई का उपयोग भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। इसके अलावा, एआई का उपयोग रोजगार सृजन और सामाजिक कल्याण योजनाओं के संचालन में भी किया जा सकता है।

भारत का एआई मॉडल सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के साथ काम करने के कारण अन्य देशों से अलग होगा। इसके साथ ही, भारत के पास एक मजबूत डेवलपर समुदाय और तकनीकी संसाधन भी हैं, जो इसे वैश्विक एआई प्रतिस्पर्धा में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में मदद करेंगे।

भारत के एआई मॉडल के फायदे

  1. सांस्कृतिक और भाषाई विविधता: भारत के एआई मॉडल का डेटा सेट देश की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा, जिससे यह भारतीय संदर्भ में बेहतर तरीके से काम करेगा।
  2. साझा कंप्यूटिंग सुविधाएँ: भारत की सरकार ने साझा कंप्यूटिंग संसाधनों की स्थापना को प्राथमिकता दी है, जिससे एआई विकास को और बढ़ावा मिलेगा।
  3. वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत स्थान: भारत का एआई मॉडल वैश्विक प्रतिस्पर्धा में एक मजबूत स्थान प्राप्त करेगा, जो चीन और अमेरिका के समानांतर काम करेगा।
  4. उद्योगों में सुधार: भारत के एआई मॉडल का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जा सकता है, जिससे न केवल व्यवसायों की दक्षता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।
  5. नवीनतम तकनीकी अवसंरचना: भारत की नई एआई फैसिलिटी और उच्चतम गुणवत्ता के GPUs के साथ, एआई मॉडल को सटीक और तेज़ी से तैयार किया जा सकेगा।

भारत अब एआई मॉडल की दौड़ में शामिल हो चुका है और इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के द्वारा किए गए ऐलान से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत एआई के क्षेत्र में एक शक्तिशाली भूमिका निभाने का इरादा रखता है। यदि भारत का एआई मॉडल दुनिया के सामने आता है, तो यह न केवल भारतीय बाजार को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि वैश्विक एआई प्रतिस्पर्धा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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