यूट्यूब ने भारत के लोकप्रिय पॉडकास्टर Ranveer Allahabadia के विवादित वीडियो को अपनी प्लेटफार्म से हटा दिया है। यह कदम सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद उठाया गया है। जानकारी के अनुसार, यूट्यूब ने “इंडियाज़ गॉट लेटेण्ट” के एक एपिसोड को हटा दिया, जिसमें समाय रैना द्वारा होस्ट किए गए इस शो में रणवीर इलाहाबादिया, आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्वा मखीजा जैसे मेहमान शामिल थे। इस एपिसोड को सरकार के हस्तक्षेप और कानूनी शिकायतों के बाद हटा लिया गया। यह वीडियो अब भारत में उपलब्ध नहीं है।
केंद्र सरकार ने इस मामले में गंभीरता से हस्तक्षेप किया है और यूट्यूब से इस वीडियो को हटाने का आदेश दिया गया। यह कदम भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के सेक्शन 69A के तहत लिया गया है, जो सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत की संप्रभुता, रक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में ऑनलाइन सामग्री पर रोक लगाने का अधिकार देता है।
किस कारण से हटाया गया वीडियो?
यह वीडियो विवादास्पद टिप्पणियों और आपत्तिजनक भाषा के कारण विवादों में घिर गया था। बताया जा रहा है कि वीडियो में कुछ ऐसी टिप्पणियां की गई थीं जो कई सांसदों और सार्वजनिक व्यक्तित्वों द्वारा अनुचित मानी गईं। खासकर, यह आरोप लगाया गया था कि वीडियो में इस्तेमाल की गई भाषा और कंटेंट ने भारतीय संस्कृति और सम्मान के खिलाफ टिप्पणी की थी।
इसके बाद कई सांसदों ने इस मामले को लेकर संसद की समिति से शिकायत की थी और उनकी शिकायतें अब गंभीर रूप से देखी जा रही हैं। समाय रैना और रणवीर इलाहाबादिया दोनों को इस मुद्दे पर जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है।
सांसदों का प्रतिक्रिया
इस मामले पर शिव सेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “कॉमेडी के नाम पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल स्वीकार्य नहीं है। यह कतई उचित नहीं है कि लोगों को प्लेटफार्म मिलने के बाद वे किसी भी प्रकार की अशोभनीय टिप्पणी करें। रणवीर इलाहाबादिया जैसे व्यक्ति के पास करोड़ों फॉलोअर्स हैं और ऐसे लोग जब सार्वजनिक रूप से विवादित बातें करते हैं, तो समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।”
प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे को सूचना और प्रसारण मंत्रालय की स्थायी समिति में उठाएंगी और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात करेंगी।
पुलिस जांच जारी
इस मामले के बाद मुंबई में रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। पुलिस ने बताया है कि वह इस मामले की जांच कर रही है और दोनों मेज़बान रणवीर इलाहाबादिया और समाय रैना से पूछताछ करने का इरादा रखती है।
इसके साथ ही, असम में भी रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है, जहां उन पर आपत्तिजनक सामग्री फैलाने का आरोप लगाया गया है। पुलिस इस मामले में भी कार्रवाई कर रही है और जल्द ही जांच को आगे बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है।
रणवीर इलाहाबादिया का यूट्यूब पर प्रभाव
रणवीर इलाहाबादिया एक प्रमुख पॉडकास्टर और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं, जिनके यूट्यूब पर 1.05 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके पॉडकास्ट में कई बड़े राजनेताओं और सेलिब्रिटीज़ को बुलाया जाता है। उनके यूट्यूब चैनल “वीडियोज़ विद रौनवीर” ने पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर दर्शकों को आकर्षित किया है।
हालांकि, इस विवाद के बाद रणवीर इलाहाबादिया के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं, खासकर तब जब उनका नाम ऐसे मामले में जुड़ गया है जो सार्वजनिक और कानूनी तौर पर गंभीर माना जा रहा है। यह मामले न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि पर असर डाल रहे हैं, बल्कि उनके द्वारा की गई टिप्पणियों के पीछे के इरादों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
आगे की कार्रवाई:
मंत्रालय और पुलिस प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जांच के बाद रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही, यूट्यूब जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे कंटेंट पर कड़ी निगरानी रखें और सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
यह घटना न केवल रणवीर इलाहाबादिया के लिए एक चेतावनी है, बल्कि पूरे डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर समुदाय के लिए भी यह एक संकेत है कि सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर जिम्मेदारी और सावधानी बरतना अनिवार्य है।
आखिरकार, यह सवाल उठता है कि क्या इस घटना के बाद ऐसे डिजिटल इन्फ्लुएंसर अपनी सामग्री में बदलाव करेंगे और अपने बयान देने से पहले अधिक सोच-विचार करेंगे। सोशल मीडिया की ताकत को सही दिशा में इस्तेमाल करना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है, और ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि यह जिम्मेदारी सिर्फ कंटेंट क्रिएटर पर ही नहीं, बल्कि उस प्लेटफॉर्म और सरकार पर भी होती है जो इन पर नजर रखते हैं।
रणवीर इलाहाबादिया का यह विवाद सरकार, पुलिस और समाज के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। यूट्यूब ने वीडियो हटाकर इसे गंभीरता से लिया है, और आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई से यह साफ हो जाएगा कि क्या ऐसे मामलों में और भी बड़े कदम उठाए जाएंगे।