देश के एक राज्य में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हो गई है। इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने Poultry Farmers को हाई अलर्ट पर रखा है। सरकार ने बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। अगर आप भी पोल्ट्री किसान हैं, तो आपको इस एडवाइजरी का पालन करना चाहिए ताकि आपकी मुर्गी पालन में किसी तरह का नुकसान न हो।
आंध्र प्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग के निदेशक, डॉ. टी. दामोदर नायडू ने बुधवार को पोल्ट्री किसानों के लिए एक अहम एडवाइजरी जारी की। इसमें बर्ड फ्लू के फैलाव को रोकने के लिए कुछ विशेष उपायों का उल्लेख किया गया है।
पोल्ट्री किसानों को ये उपाय अपनाने की दी गई सलाह
डॉ. नायडू ने पोल्ट्री किसानों से यह आग्रह किया कि वे इन एडवाइजरी के अनुसार कदम उठाएं:
1. फुटबाथ का उपयोग करें
डॉ. नायडू ने कहा कि पोल्ट्री फार्मों के प्रवेश द्वारों पर फुटबाथ लगाना चाहिए। इस फुटबाथ में 0.01% पोटेशियम परमैंगनेट का घोल होना चाहिए। इससे फार्म में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों और वाहनों के पैरों से बर्ड फ्लू के वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।
2. साफ-सफाई और कीटाणुशोधन
पोल्ट्री शेड के आसपास 2% सोडियम हाइपोक्लोराइट, ब्लीचिंग पाउडर या चूने का छिड़काव किया जाना चाहिए। इससे किसी भी प्रकार के वायरस या बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद मिलेगी। साथ ही, फार्म में काम करने वाले कर्मचारियों की व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। उन्हें शेड में प्रवेश करने से पहले और शेड से बाहर निकलने के बाद डिटॉल या साबुन से हाथ और पैर धोने चाहिए।
3. नई मुर्गियों को शेड में न डालें
डॉ. नायडू ने पोल्ट्री किसानों को यह सलाह दी कि वे नई मुर्गियाँ शेड में न डालें। इसके अलावा, किसी भी बाहरी व्यक्ति, वाहन, चिकन फीड या उपकरण को शेड में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इससे बर्ड फ्लू के वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
4. मुर्गियों की मौत पर तुरंत कदम उठाएं
अगर किसी मुर्गी की मौत हो जाती है, तो उसे तुरंत निकालकर फेंक देना चाहिए। साथ ही, शेड में पड़े फीड और पानी को हटाकर उसे प्लास्टिक बैग में डालकर जलाना या दफनाना चाहिए। इससे वायरस के फैलने का खतरा कम होगा।
5. उपकरण और ट्रकों का कीटाणुशोधन
पोल्ट्री फार्म में आने वाले ट्रकों, अंडे के ट्रे और बर्ड केजेस को 2% सोडियम हाइपोक्लोराइट या 1% सोडियम हाइड्रॉक्साइड के घोल से कीटाणुशोधित करना चाहिए। इसके अलावा, पानी पीने की ट्रोफ्स और फीड कंटेनर्स को भी नियमित रूप से 1% सोडियम हाइड्रॉक्साइड से साफ किया जाना चाहिए।
6. प्रवासी पक्षियों को शेड में न आने दें
डॉ. नायडू ने पोल्ट्री किसानों को यह भी सलाह दी कि वे प्रवासी पक्षियों को फार्म की सीमा में प्रवेश न करने दें। इन पक्षियों के जरिए बर्ड फ्लू का संक्रमण फैल सकता है। अगर किसी प्रवासी पक्षी की मौत हो जाती है, तो उसे जलाना या दफनाना चाहिए और अन्य बायो-सेक्योरिटी उपायों का पालन करना चाहिए।
7. स्थानीय पशु चिकित्सक से सलाह लें
डॉ. नायडू ने पोल्ट्री किसानों से यह भी कहा कि वे स्थानीय पशु चिकित्सकों से सलाह लें, ताकि पोल्ट्री स्वास्थ्य और अन्य सुरक्षा उपायों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके। इससे बर्ड फ्लू के खतरे से निपटने में मदद मिलेगी।
सरकार का संदेश
सरकार ने पोल्ट्री किसानों से यह अपील की है कि वे बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए इन सभी आवश्यक कदमों को उठाएं। इसके अलावा, किसानों को यह भी याद दिलाया गया है कि उन्हें किसी भी संदिग्ध लक्षण या समस्या के बारे में तुरंत सूचना देनी चाहिए, ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके और महामारी को फैलने से रोका जा सके।
बर्ड फ्लू से बचाव के लिए क्यों जरूरी हैं ये कदम?
बर्ड फ्लू (Avian Influenza) एक गंभीर वायरस है जो पक्षियों के बीच तेजी से फैल सकता है। यह वायरस न केवल मुर्गियों के लिए खतरनाक है, बल्कि इंसानों में भी संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है। ऐसे में पोल्ट्री किसानों को इस बीमारी से बचने के लिए एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है।
बर्ड फ्लू का प्रभाव मुर्गी पालन उद्योग पर गंभीर रूप से पड़ सकता है। अगर एक बार यह वायरस किसी फार्म में फैल जाता है, तो न केवल मुर्गियों की मौत हो सकती है, बल्कि आर्थिक नुकसान भी बहुत बड़ा हो सकता है। इसके अलावा, बर्ड फ्लू के प्रकोप से अंडों और चिकन का व्यापार भी प्रभावित हो सकता है, जिससे किसानों को नुकसान होता है।
बर्ड फ्लू एक खतरनाक वायरस है, जो पोल्ट्री फार्मों में तेजी से फैल सकता है। इसे फैलने से रोकने के लिए पोल्ट्री किसानों को साफ-सफाई और कीटाणुशोधन के उपायों का पालन करना चाहिए। इसके अलावा, प्रवासी पक्षियों को फार्म में प्रवेश से रोकना और मुर्गियों की मौत के बाद तुरंत कार्रवाई करना आवश्यक है। सरकार की यह एडवाइजरी पोल्ट्री किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि वे बर्ड फ्लू के प्रसार को रोक सकें और अपने फार्म को सुरक्षित रख सकें।