Gold Rate Today: आजकल सोने की कीमतें रिकॉर्ड उच्चतम स्तरों के आस-पास मंडरा रही हैं। इस सप्ताह सोने की कीमतों में अमेरिकी डॉलर में गिरावट और व्यापारिक युद्ध (टैरिफ वॉर) के कारण वृद्धि देखी गई है। शुक्रवार को, एमसीएक्स एक्सचेंज पर सोने के फ्यूचर्स का भाव 10 ग्राम के लिए ₹85,820 पर बंद हुआ, जो पिछले शुक्रवार के ₹84,202 के बंद भाव से ₹1,618 अधिक है। इस तरह, सोने की कीमत एक सप्ताह में ₹1,618 महंगी हो गई है। हालांकि, सोने की कीमत अभी भी ₹86,549 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर से ₹729 कम है।
कीमतें रिकॉर्ड स्तरों के आसपास
इस सप्ताह सोने की कीमत ₹86,000 के नीचे बंद हुई, जबकि इसने सप्ताह के उच्चतम स्तर ₹86,356 को छुआ था। इस प्रकार, घरेलू सोने की कीमतें लगातार रिकॉर्ड उच्चतम स्तरों के आसपास बनी रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के स्पॉट भाव ने $2,910 प्रति औंस के स्तर पर बंद किया, जो पिछले शुक्रवार के $2,858 के बंद भाव से लगभग $52 अधिक था। वहीं, कॉमेक्स पर सोने का भाव $2,914 प्रति औंस पर बंद हुआ, जो पिछले शुक्रवार के $2,862 के बंद भाव से करीब $52 ज्यादा था।
महत्वपूर्ण स्तर
केडिया एडवाइजरी के एमडी अजय केडिया के अनुसार, सोने की कीमतों को ₹86,350 से ₹86,600 के स्तरों पर महत्वपूर्ण प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। यदि इन स्तरों से ब्रेकआउट होता है, तो कीमतें ₹87,500 प्रति 10 ग्राम तक जा सकती हैं। यदि कीमतें इस प्रतिरोध को तोड़ने में असफल होती हैं, तो गिरावट भी देखी जा सकती है। हालांकि, ₹84,300 और फिर ₹83,500 पर समर्थन स्तर होंगे।
यहां से सोने की कीमतों का रुझान किस दिशा में जाएगा, यह देखने के लिए निवेशक इन महत्वपूर्ण स्तरों को ध्यान से देख रहे हैं।
आने वाले समय में इन डेटा पर रहेगी नजर
सुगंधा सचदेवा, एसएस वेल्थस्ट्रिट की सलाहकार, के अनुसार, सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण संकेतक यूएस फरवरी के महंगाई आंकड़े होंगे। निवेशक इन आंकड़ों पर बारीकी से नजर रखेंगे, क्योंकि ये सोने की कीमतों पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकते हैं। इसके अलावा, उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) और साप्ताहिक बेरोजगारी दावे भी महत्वपूर्ण आंकड़े होंगे, जो सोने की कीमतों के शॉर्ट-टर्म रुझान को निर्धारित करने में मदद करेंगे।
सुगंधा सचदेवा ने यह भी कहा कि टैरिफ विवादों में कोई नई हलचल सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकती है और यह एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक (catalyst) हो सकता है, जो सोने के भाव को आगे बढ़ा सकता है या फिर कीमतों में गिरावट ला सकता है।
अमेरिकी डॉलर की गिरावट का प्रभाव
सोने की कीमतों में इस सप्ताह हुई बढ़ोतरी के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण अमेरिकी डॉलर में आई गिरावट है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो सोने जैसी धातुएं महंगी होती हैं, क्योंकि डॉलर में मूल्यह्रास से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने की मांग बढ़ जाती है। यही कारण है कि सोने की कीमतों में हाल ही में तेजी आई है।
साथ ही, व्यापारिक युद्ध और टैरिफ विवाद भी सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं। जब व्यापारिक तनाव बढ़ता है, तो निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश मानते हैं, जिससे सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं।
सोने की कीमतों में भविष्य में क्या हो सकता है?
अब सवाल यह है कि क्या सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं या फिर इनमें गिरावट आएगी? इस सवाल का जवाब कई आर्थिक कारकों पर निर्भर करेगा। सबसे पहले, अमेरिकी मुद्रास्फीति और बेरोजगारी दर जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े यह तय करेंगे कि सोने की कीमतें किस दिशा में जाएंगी। अगर मुद्रास्फीति में वृद्धि होती है, तो निवेशक सोने में निवेश करना पसंद कर सकते हैं, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, अगर मुद्रास्फीति कम होती है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार होता है, तो सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है।
इसके अलावा, व्यापारिक विवादों में कोई नई घटनाएं जैसे कि चीन और अमेरिका के बीच की स्थिति, सोने की कीमतों को और प्रभावित कर सकती हैं।
भारतीय निवेशकों के लिए क्या है महत्वपूर्ण?
भारतीय निवेशकों के लिए सोने की कीमतों में बढ़ोतरी या गिरावट का सीधा असर उनके निवेश पर पड़ता है। भारत में सोने की मांग त्योहारों के मौसम और शादियों के दौरान बढ़ जाती है, जिससे कीमतें प्रभावित हो सकती हैं। यदि सोने की कीमतें और बढ़ती हैं, तो यह निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन सकती है, क्योंकि अधिक कीमतों पर सोने का खरीदना महंगा पड़ सकता है।
वहीं, अगर सोने की कीमतें गिरती हैं, तो यह एक अच्छा मौका हो सकता है निवेशकों के लिए, क्योंकि वे सस्ते भावों पर सोने की खरीदारी कर सकते हैं।
सोने की कीमतें वर्तमान में अपने रिकॉर्ड उच्चतम स्तरों के आसपास बनी हुई हैं। अमेरिकी डॉलर में गिरावट और व्यापारिक युद्ध की वजह से सोने की कीमतों में उछाल आया है। हालांकि, कीमतों में और वृद्धि हो सकती है, यदि प्रतिरोध स्तर टूटते हैं, तो कीमतें ₹87,500 प्रति 10 ग्राम तक जा सकती हैं। वहीं, अगर सोने की कीमतों में गिरावट होती है, तो ₹84,300 और ₹83,500 के स्तरों पर समर्थन मिल सकता है।
निवेशकों को आने वाले आर्थिक आंकड़ों और व्यापारिक विवादों की स्थिति पर बारीकी से नजर रखनी होगी, क्योंकि ये कारक सोने की कीमतों के रुझान को प्रभावित कर सकते हैं।