Mutual Fund: स्टॉक मार्केट में निवेश करना इन दिनों महिलाओं के लिए भी बेहद आकर्षक हो गया है। भारत में महिला निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और वे बड़े पैमाने पर म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर रही हैं। महिलाओं के भारी निवेश के कारण उनके अधिग्रहणाधीन संपत्ति (AUM) में भी बड़ा उछाल देखा गया है। मार्च 2019 में जहां यह राशि 4.59 लाख करोड़ रुपये थी, वहीं मार्च 2024 में यह बढ़कर 11.25 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो दोगुने से भी अधिक है।
महिलाओं की हिस्सेदारी में जबरदस्त इजाफा
भारतीय म्यूचुअल फंड्स के संगठन “एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया” (AMFI) ने क्रिसिल के सहयोग से एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि महिला निवेशकों की कुल व्यक्तिगत निवेशकों के कुल AUM में 33% हिस्सेदारी हो चुकी है। इस रिपोर्ट के अनुसार, म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने वाली महिलाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ी है और अब हर चार में से एक निवेशक महिला है।
महिलाओं के निवेश पोर्टफोलियो का आकार बढ़ा
रिपोर्ट में बताया गया कि महिलाओं के निवेश पोर्टफोलियो का औसत आकार भी काफी बढ़ा है। मार्च 2019 से मार्च 2024 के बीच महिलाओं के निवेश पोर्टफोलियो में 24% की वृद्धि हुई है, जबकि पुरुषों के पोर्टफोलियो में यह वृद्धि केवल 6% रही। यह स्पष्ट करता है कि महिलाएं अब अधिक समझदारी और दूरदर्शिता से निवेश कर रही हैं।
एसआईपी (SIP) में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में भी महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है। छोटे शेयरों (Smallcap Funds) ने SIP निवेश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है, और इस श्रेणी के कुल AUM का आधे से अधिक हिस्सा महिलाओं के निवेश से आ रहा है। इसके अलावा, मिडकैप फंड्स (Midcap Funds) में भी SIP निवेश बढ़ा है, जहां इस श्रेणी के 46% AUM का योगदान नियमित निवेश से आ रहा है।
हालांकि, सेक्टोरल, थीमेटिक और डिविडेंड यील्ड श्रेणियों में SIP AUM में गिरावट देखी गई है। लेकिन इसके बावजूद, SIP AUM में कुल 300% की वृद्धि हुई है। मार्च 2019 में SIP AUM जहां 2.66 लाख करोड़ रुपये था, वहीं मार्च 2024 तक यह बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
युवा निवेशकों में SIP की बढ़ती लोकप्रियता
इस रिपोर्ट के अनुसार, SIP का क्रेज खासतौर पर 18-34 वर्ष के आयु वर्ग में तेजी से बढ़ रहा है। पिछले पांच वर्षों में इस आयु वर्ग में SIP AUM में 2.6 गुना वृद्धि हुई है। मार्च 2019 में यह 41,209 करोड़ रुपये था, जो मार्च 2024 में बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
महिलाओं के बढ़ते निवेश के साथ भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग भी विस्तार कर रहा है। SIP और इक्विटी फंड्स में महिलाओं की दिलचस्पी बढ़ने से उनकी वित्तीय स्वतंत्रता भी मजबूत हो रही है। इससे स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में महिलाओं का निवेश जगत में और अधिक प्रभाव बढ़ेगा।