Gold vs Share Market: भारत में सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। दूसरी ओर, भारतीय शेयर बाजार में पिछले साल से जारी गिरावट ने निवेशकों को परेशान कर रखा है। यह स्थिति निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न खड़ा करती है – क्या सोना निवेश के लिए बेहतर विकल्प है या फिर शेयर बाजार? पिछले 10 वर्षों में किसने अधिक रिटर्न दिया? आइए इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
2. सोने की कीमतों में हालिया उतार-चढ़ाव
हाल के दिनों में सोने की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है। दिल्ली के बुलियन मार्केट में सोमवार को 99.99 प्रतिशत शुद्ध सोने की कीमत में 1200 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के बाद सोने की कीमत 88,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई। जबकि इससे पहले शुक्रवार को सोने की कीमत 89,400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थी।
3. 10 साल पहले सोने की कीमत क्या थी?
अगर हम 10 साल पहले की बात करें, तो विश्व स्वर्ण परिषद (World Gold Council) के अनुसार, 19 फरवरी 2015 को सोने की कीमत 24,150 रुपये प्रति 10 ग्राम थी।
इसके बाद सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया और 10 फरवरी 2025 तक यह 81,803 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। यह वृद्धि बताती है कि सोने में निवेश करने वालों को भारी मुनाफा हुआ है।
4. शेयर बाजार का प्रदर्शन
वहीं, अगर हम शेयर बाजार की बात करें तो 19 फरवरी 2015 को बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 29,462.27 अंक पर बंद हुआ था।
इसके बाद 10 फरवरी 2025 को सेंसेक्स 77,311.8 अंक पर पहुंच गया। यानी 10 वर्षों में सेंसेक्स ने भी शानदार वृद्धि दर्ज की। लेकिन क्या यह रिटर्न सोने से ज्यादा था? आइए इसका विश्लेषण करते हैं।
5. पिछले 10 वर्षों में किसने दिया ज्यादा रिटर्न?
अगर हम सोने और सेंसेक्स दोनों के प्रदर्शन का विश्लेषण करें, तो डेटा यह कहता है:
- सोना: 10 वर्षों में 237.5% का रिटर्न दिया।
- सेंसेक्स: 10 वर्षों में 162.40% का रिटर्न दिया।
स्पष्ट रूप से, सोने ने शेयर बाजार की तुलना में ज्यादा रिटर्न दिया।
6. सोना बनाम शेयर बाजार: फायदे और नुकसान
(i) सोने में निवेश के फायदे:
- जोखिम कम: सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है, क्योंकि इसकी कीमत में गिरावट कम होती है।
- महामारी और वैश्विक संकट में सुरक्षित: जब भी अर्थव्यवस्था में संकट आता है, लोग सोने में निवेश बढ़ा देते हैं, जिससे इसकी कीमत बढ़ती है।
- इंफ्लेशन प्रूफ: सोना मुद्रास्फीति (Inflation) से बचाव का एक अच्छा माध्यम है।
(ii) सोने में निवेश के नुकसान:
- कोई नियमित आय नहीं: सोने में निवेश से कोई ब्याज या डिविडेंड नहीं मिलता, जैसे कि शेयर बाजार में मिलता है।
- भौतिक सुरक्षा की चिंता: अगर आप भौतिक रूप में सोना खरीदते हैं, तो उसकी सुरक्षा एक चुनौती हो सकती है।
(iii) शेयर बाजार में निवेश के फायदे:
- लंबे समय में ज्यादा लाभ: शेयर बाजार में लंबी अवधि में निवेश करने पर बहुत अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
- डिविडेंड और बोनस: कुछ कंपनियां डिविडेंड और बोनस शेयर देती हैं, जिससे निवेशकों को अतिरिक्त लाभ मिलता है।
- बहुत सारे विकल्प: निवेशक म्यूचुअल फंड, ब्लू-चिप स्टॉक्स, स्मॉल-कैप और मिड-कैप स्टॉक्स जैसे कई विकल्प चुन सकते हैं।
(iv) शेयर बाजार में निवेश के नुकसान:
- जोखिम ज्यादा: शेयर बाजार बहुत अस्थिर (volatile) हो सकता है, जिससे कभी-कभी भारी नुकसान हो सकता है।
- आर्थिक मंदी का असर: जब अर्थव्यवस्था कमजोर होती है, तो शेयर बाजार भी प्रभावित होता है।
- भावनात्मक निर्णय: कई निवेशक डर या लालच में जल्दबाजी में निवेश या निकासी कर देते हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो सकता है।
7. निष्कर्ष: क्या सोना बेहतर है या शेयर बाजार?
अगर हम पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों को देखें, तो सोने ने शेयर बाजार से अधिक रिटर्न दिया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश करना गलत है।
- अगर आप स्थिरता और कम जोखिम चाहते हैं, तो सोना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
- अगर आप दीर्घकालिक निवेश से अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं और जोखिम लेने के लिए तैयार हैं, तो शेयर बाजार बेहतर विकल्प है।
- एक अच्छा निवेश पोर्टफोलियो बनाने के लिए दोनों में निवेश करना उचित रहेगा।
8. भविष्य में क्या बेहतर रहेगा?
- सोने की कीमतें वैश्विक घटनाओं पर निर्भर करती हैं, इसलिए यह स्थिर रिटर्न दे सकता है।
- शेयर बाजार दीर्घकालिक निवेश में ज्यादा मुनाफा दे सकता है।
- म्यूचुअल फंड और इंडेक्स फंड जैसे निवेश विकल्प शेयर बाजार में कम जोखिम वाले विकल्प हो सकते हैं।
इसलिए, समझदारी यही होगी कि निवेशकों को अपने निवेश को संतुलित रखना चाहिए और सोने और शेयर बाजार दोनों में निवेश करना चाहिए।