भारत में फूड डिलीवरी का बाजार तेजी से बदल रहा है, और इसी बदलाव के बीच Zomato को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक ओर Zomato अपनी मुख्य सेवाओं में अग्रणी बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर Quick Delivery Services के उभरते ट्रेंड और प्रतियोगियों की नई रणनीतियों के चलते उसे अपना मार्केट शेयर खोने का खतरा है।
Quick Delivery Services: गेम चेंजर की भूमिका में
आज के दौर में ग्राहक तेजी से Quick Delivery Services की ओर रुख कर रहे हैं। पहले जहां ग्राहकों को किसी चीज की डिलीवरी के लिए 30 मिनट का इंतजार भी सहज लगता था, अब 10 मिनट की डिलीवरी एक नया मानक बन चुका है। इस ट्रेंड को ध्यान में रखते हुए बाजार में कई कंपनियां Quick Delivery Services की पेशकश कर रही हैं।
जोमेटो ने भी अपनी Quick Delivery Services के लिए BlinkIt को अधिग्रहित किया था और अब इस प्लेटफॉर्म पर फूड डिलीवरी के लिए Bistro ऐप लॉन्च की है। दूसरी ओर, स्विगी ने अपनी 10 मिनट डिलीवरी सेवा को Snacc नाम दिया है। इसके अलावा, जेप्टो और अन्य प्लेटफॉर्म भी इस दौड़ में शामिल हैं।
Zomato का बाजार नेतृत्व और चुनौतियां
Zomato वर्तमान में फूड डिलीवरी सेगमेंट में 57 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ लीडर है, जबकि स्विगी के पास 43 प्रतिशत मार्केट शेयर है। हालांकि, बदलते परिदृश्य में, Zomato को अपने मार्केट शेयर में गिरावट का खतरा है।
फूड डिलीवरी में ग्रोथ की कमी
ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के मुताबिक, जोमेटो के फूड डिलीवरी बिजनेस में ग्रोथ की रफ्तार धीमी हो रही है। जहां जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू में 21 प्रतिशत की सालाना वृद्धि देखी गई थी, वहीं अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही में यह आंकड़ा घटकर केवल 17 प्रतिशत रह गया।
Quick कॉमर्स के बढ़ते दबाव और प्रतिस्पर्धा के चलते जोमेटो के मुख्य व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, Quick फूड Delivery के क्षेत्र में जेप्टो कैफे और बोल्ट जैसी नई सेवाएं जोमेटो की चुनौती को और बढ़ा रही हैं।
ग्राहकों की बदलती पसंद और तकनीकी विकास
ग्राहकों की प्राथमिकताओं में बदलाव और तकनीकी प्रगति ने फूड डिलीवरी बाजार को पूरी तरह से नया रूप दिया है। Quick Delivery Services ने न केवल ग्राहकों का ध्यान आकर्षित किया है, बल्कि उन्हें अपनी जीवनशैली का हिस्सा भी बना लिया है। ऐसे में जोमेटो और स्विगी जैसी कंपनियों को अपने मॉडलों को लगातार विकसित करना होगा ताकि वे इस दौड़ में पीछे न रह जाएं।
Zomato की रणनीति: क्या है भविष्य?
Zomato ने हाल ही में अपनी मुख्य ऐप पर भी 10 मिनट की डिलीवरी सेवा शुरू की है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कंपनी के मुख्य व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जोमेटो को अपनी क्विक डिलीवरी सेवाओं और मुख्य व्यवसाय के बीच संतुलन बनाकर रखना होगा।
Swiggy और Zepto से मिल रही टक्कर
Swiggy और Zepto जैसे प्लेटफॉर्म तेजी से अपने ग्राहक आधार का विस्तार कर रहे हैं। स्विगी ने अपनी Quick Delivery Services को मजबूत करने के लिए नई रणनीतियों पर काम शुरू कर दिया है। वहीं, जेप्टो कैफे और बोल्ट जैसी सेवाओं के माध्यम से Zepto भी इस दौड़ में अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहा है।
ग्राहकों को जोड़ने के लिए इनोवेशन की जरूरत
आज के प्रतिस्पर्धी बाजार में, ग्राहकों को जोड़े रखने के लिए कंपनियों को इनोवेशन पर जोर देना होगा। बेहतर सेवाएं, Quick Delivery और लागत-कुशल मॉडल अपनाने से कंपनियां अपने ग्राहकों का विश्वास जीत सकती हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि फूड डिलीवरी बाजार में बदलाव तेजी से हो रहा है और कंपनियों को अपनी रणनीतियों को समय के साथ अपडेट करना होगा। जोमेटो और स्विगी दोनों को अपने मौजूदा ग्राहकों को बनाए रखने और नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए क्विक डिलीवरी के क्षेत्र में अधिक प्रयास करना होगा।
फूड डिलीवरी का भारतीय बाजार एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। क्विक डिलीवरी की बढ़ती मांग ने इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ा दिया है। जोमेटो, स्विगी, और जेप्टो जैसे प्लेटफॉर्म अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने और बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए नई रणनीतियों पर काम कर रहे हैं।
Zomato को न केवल अपनी मुख्य सेवाओं पर ध्यान देना होगा, बल्कि Quick Delivery Services के क्षेत्र में भी खुद को साबित करना होगा। ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं और टेक्नोलॉजी के विकास को ध्यान में रखते हुए कंपनियों को अपनी सेवाओं को लगातार बेहतर बनाने की जरूरत है। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि Zomato और उसके प्रतिस्पर्धी इस दौड़ में कैसे आगे बढ़ते हैं।