health news: बच्चों के सही विकास और लंबाई के लिए विटामिन डी अत्यंत महत्वपूर्ण है। विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, जो हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक है। इसके बिना बच्चों की हड्डियां मजबूत नहीं हो पातीं और उनकी लंबाई में भी रुकावट आ सकती है। विटामिन डी की कमी के कारण बच्चे न केवल शारीरिक विकास में पिछड़ सकते हैं, बल्कि उन्हें हड्डियों में दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि विटामिन डी की कमी के कारण बच्चों के हाइट पर क्या असर पड़ता है और इससे बचने के लिए बच्चों की डाइट में क्या शामिल करें।
विटामिन डी की कमी से बच्चों की हाइट पर प्रभाव
अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि विटामिन डी की कमी और बच्चों में स्टंटिंग (लंबाई में रुकावट) के बीच एक गहरा संबंध है। विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देता है, जो हड्डियों के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक होता है। जब बच्चों में विटामिन डी की कमी होती है, तो उनके हड्डियों का विकास रुक सकता है, जिससे उनकी लंबाई भी कम हो सकती है।
विटामिन डी और हड्डियों का विकास
विटामिन डी शरीर के लिए आवश्यक होता है, खासकर बच्चों की हड्डियों के विकास में। यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और उनमें कैल्शियम की कमी को पूरा करता है। विटामिन डी की कमी से हड्डियों का विकास रुक सकता है, और बच्चों की लंबाई में भी कमी आ सकती है। बचपन और किशोरावस्था के दौरान, विटामिन डी हड्डियों को लंबा और घना बनाने में मदद करता है।
ग्रोथ प्लेट्स और लंबाई में वृद्धि
हमारी हड्डियों के सिरों पर स्थित ग्रोथ प्लेट्स (epiphyseal plates) हड्डियों के लंबाई में वृद्धि के लिए जिम्मेदार होती हैं। इन प्लेट्स को विटामिन डी की आवश्यकता होती है ताकि वे सही से काम कर सकें और हड्डियों की लंबाई बढ़े।
विटामिन डी की कमी से लंबाई में कमी
जब शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, तो यह बच्चों की लंबाई पर नकारात्मक असर डाल सकता है। अगर शरीर में विटामिन डी की मात्रा 10 एनजी/एमएल से कम होती है, तो बच्चों की लंबाई में प्रति वर्ष 0.6 सेंटीमीटर तक की कमी हो सकती है। इस कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और लंबाई बढ़ने में बाधा आ सकती है।
विटामिन डी की कमी के 14 प्रमुख लक्षण
विटामिन डी की कमी के कई लक्षण होते हैं, जिन्हें पहचान कर इस कमी को समय रहते पूरा किया जा सकता है। इनमें प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
- माथे पर पसीना आना
- हड्डियों में दर्द
- मसल्स में दर्द
- थकान
- एंड्योरेंस की कमी
- मूड खराब रहना
- नींद ना आना
- बाल गिरना
- शरीर में कमजोरी महसूस होना
- शरीर के जोड़ों में सूजन
- मांसपेशियों में ऐंठन
- भूख की कमी
- लगातार सर्दी-खांसी का रहना
- हड्डियों की कमजोरी महसूस होना
विटामिन डी की कमी को कैसे दूर करें
अगर आपके बच्चे में विटामिन डी की कमी है, तो आप उन्हें कुछ खास आहार और आदतें अपनाकर इस कमी को दूर कर सकते हैं। आइए जानते हैं वे कौन सी चीजें हैं, जिनसे विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है:
1. विटामिन डी से भरपूर आहार
विटामिन डी से भरपूर कई खाद्य पदार्थ होते हैं, जिनका सेवन बच्चों को करना चाहिए:
- मछली: सैल्मन, टूना और हेरिंग जैसे मछली में विटामिन डी भरपूर होता है।
- अंडे: अंडे का पीला हिस्सा विटामिन डी का अच्छा स्रोत है।
- दूध: दूध में प्राकृतिक रूप से विटामिन डी होता है।
- चीज़: चीज़ और दही जैसे डेयरी उत्पादों में भी विटामिन डी पाया जाता है।
- मशरूम: कुछ प्रकार के मशरूम में भी विटामिन डी होता है, खासकर जब वे सूर्य की रोशनी में उगते हैं।
- संतरा: संतरे का जूस विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत हो सकता है।
2. फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन
कुछ खाद्य पदार्थों में विटामिन डी को मिलाकर उन्हें फोर्टिफाई किया जाता है। ये खाद्य पदार्थ बच्चों के लिए विटामिन डी की कमी को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। फोर्टिफाइड दूध, जई का दूध, बादाम दूध, और टोफू बच्चों के आहार में शामिल किए जा सकते हैं।
3. सूर्य की रोशनी में समय बिताना
विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूर्य की रोशनी है। बच्चों को सुबह के समय में कुछ देर धूप में खेलना या समय बिताना चाहिए। सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे के बीच सूर्य की रोशनी सबसे अधिक विटामिन डी प्रदान करती है।
4. पत्तेदार साग और नट्स
पत्तेदार हरी सब्जियां, जैसे पालक, मेथी और बथुआ, विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर होती हैं। इसके अलावा, अखरोट, बीज, और साबुत अनाज भी बच्चों के आहार में शामिल किए जा सकते हैं।
5. वेजिटेरियन विकल्प
वेजिटेरियन बच्चों के लिए मशरूम एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह विटामिन डी से भरपूर होता है। इसके अलावा, संतरे का जूस भी बच्चों के लिए अच्छा विकल्प है।
विटामिन डी बच्चों के शारीरिक विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से न केवल हड्डियों की कमजोरी होती है, बल्कि लंबाई में भी रुकावट आ सकती है। इसलिए, बच्चों की डाइट में विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए और उन्हें रोजाना सूर्य की रोशनी में कुछ समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।